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(as of Dec 18, 2024 22:47:16 UTC – Details)
व्यक्तिगत स्तर पर मेरे और गांधीजी के बीच कोई शत्रुता नहीं थी। वे लोग, जो पाकिस्तान-निर्माण में गांधीजी का अच्छा मकसद होने की बात कहते हैं, मुझे उनसे केवल इतना कहना है कि मैंने गांधी के विरुद्ध, जो इतना बड़ा कदम उठाया, उसमें मेरे हृदय में राष्ट्रहित का शुद्ध हेतु था।
वे ऐसे व्यक्ति थे, जो बहुत सी भयावह घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे, जिनकी परिणति पाकिस्तान निर्मिति में हुई। गांधीजी के विरुद्ध की गई अपनी काररवाई के बाद मैं भविष्य में आने वाले अपने परिणाम को देख सकता था, उन परिणामों की उम्मीद कर सकता था और मुझे एहसास था कि जिस क्षण लोगों को गांधी को मेरे द्वारा गोली मारने की घटना का पता चलेगा, उन सभी का मेरे प्रति दृष्टिकोण बदल जाएगा, फिर चाहे परिस्थितियाँ कोई भी हों।
समाज में लोगों का मेरे प्रति जो सम्मान, रुतबा और सहानुभूति है, वह समाह्रश्वत हो जाएगी, नष्ट हो जाएगी और बचा हुआ मान भी कुचल दिया जाएगा। मुझे पूरा एहसास था कि समाज में मुझे सबसे नीच और घृणित व्यक्ति के रूप में देखा जाएगा। —इसी पुस्तक से
अपने समय के सबसे बड़े नेता गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए विशेष न्यायालय में बहुत विस्तृत बयान दिया, जिसमें उन्होंने क्रमवार वे कारण बताए, जिन्होंने उन्हें इतनी बड़ी घटना की परिणति करने के लिए बाध्य किया।
ये कारण तत्कालीन सामाजिक-सांस्कृतिक- राजनीतिक परिस्थितियों को भी दर्शाते हैं कि कैसे एक अल्पसंख्यक वर्ग विशेष के दबाव में निर्णय लिये जा रहे थे, जो अंतत: बहुसंख्यकों के उत्पीडऩ और अस्तित्व का कारण बन जाते। इन्हीं से क्षुब्ध होकर नाथूराम गोडसे ने विश्व के सबसे चर्चित कांड को अंजाम दिया। प्रस्तुत पुस्तक गांधी-हत्याकांड में नाथूराम गोडसे का पक्ष प्रबलता से रखती है।
Step into a world where history meets controversy as we delve into the Hindi translation of the thought-provoking book, “Maine Gandhi Ko Kyon Mara?” by Nathuram Godse. Explore the mind of one of India’s most infamous figures, as he presents his side of the story on the assassination of Mahatma Gandhi.
In this fascinating account, Godse shares his personal perspective, shedding light on the motivations and events that led to such a monumental act. He argues that his actions were driven by a pure sense of national interest, one that he believed required such a bold step against Gandhi.
Discover the disturbing truths behind the social and political circumstances of the time, as a minority group finds themselves oppressed and marginalized, forced to make difficult choices that ultimately shape the course of history. Dive into a gripping narrative that challenges conventional beliefs and paints a thought-provoking picture of India’s struggle for identity and freedom.
Key Aspects of the Book “Maine Gandhi Ko Kyon Mara?”:
Unveiling a Controversial Perspective: Gain insights into the mind of Nathuram Godse, as he candidly discusses the motivations behind the assassination of Mahatma Gandhi.Exploring Historical Context: Understand the complex socio-political landscape of India, discovering the factors that contributed to such a drastic turn of events.A Quest for National Interest: Witness the inner turmoil of a man driven by a higher purpose, challenging the widely accepted narrative on the role of Gandhi in India’s history.
Experience a literary journey like no other, as “Maine Gandhi Ko Kyon Mara?” challenges readers to question their understanding of history and invites them to explore a different perspective on one of the most significant events in India’s struggle for independence.
From the Publisher
ASIN : B0CFFMM8K9
Publisher : Prabhat Prakashan (11 August 2023)
Language : Hindi
File size : 1748 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 158 pages
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